एक साथ 25 स्कूलों में नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ला अरेस्ट,

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 एक दिन पूर्व शुक्रवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया था। यह नोटिस व्हाट्सएप पर भेजा गया था।



 उत्तर प्रदेश में एक साथ 25 स्कूलों में फर्जी तरीके से नौकरी करने के मामले में आरोपी शिक्षिका अनामिका शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है। अनामिका शुक्ला को कासगंज से गिरफ्तार किया गया है। खबरों के मुताबिक शुक्ला फरीदपुर के कस्तूरबा विद्यालय में विज्ञान की पूर्णकालिक शिक्षिका के रूप में सेवा दे रही थीं। बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देशों पर जिले में अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका की तलाश की गई तो कस्तूरबा विद्यालय में यह शिक्षिका पाई गई। शुक्रवार 5 जून को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया था। यह नोटिस व्हाट्सएप पर भेजा गया था। शुक्रवार की शाम शिक्षिका ने इस नोटिस को देखा तो शनिवार सुबह को वो अपना इस्तीफा देने बीएसए दफ्तर के बाहर पहुंची। अपने साथ पहुंचे एक युवक के माध्यम से उसने इस्तीफे की कॉपी बीएसए दफ्तर को भेजी। जब युवक से शिक्षिका के बारे में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि अनामिका शुक्ला बाहर सड़क पर खड़ी हैं। इस पर वहां मौजूद बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल ने सोरों पुलिस को मामले की जानकारी दी और कार्यालय के स्टाफ के माध्यम से घेराबंदी करवा दी गई। पुलिस ने तुरंत आकर शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया और उसे सोरों कोतवाली ले आई। फिलहाल अनामिका शुक्ला की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ जारी है। मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की निवासी बताई जा रही शिक्षिका अनामिका शुक्ला ने गोंडा में कक्षा 10 से ग्रेजुएशन तक पढ़ाई के बाद अम्बेडकर नगर से प्रोफ़ेशनल कोर्स किया था। इस सबके बाद अनामिका शुक्ला का अब तक का सबसे बड़ा परिचय यह है कि उसने यूपी के विभिन्न जिलों में एक साथ 25 जिलों में नौकरी और तनख्वाह लेकर पूरे उत्तर प्रदेश को दांतों तले उंगली दबाने पर विवश कर दिया है। दरअसल उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में अध्यापिका की नौकरी कर रही अनामिका शुक्ला का पर्दाफाश बागपत जिले से हुआ जिसके बाद अब शिक्षा महकमा सकते में है लेकिन शिक्षा महकमा इस मामले में कुछ करता उससे पहले ही तेज दिमाग अनामिका शुक्ला ने इस्तीफा देकर सनसनी फैला दी है।  अमेठी के बेसिक शिक्षा विनोद कुमार मिश्रा कहते हैं कि तैनात शिक्षिका के इस्तीफे के बाद संदेह गहराया। शिक्षिका के प्रोफेशनल कोर्स के दस्तावेज जांच हेतु कुलपति के पास भेज दिए गए हैं और शिक्षिका को मार्च में ही नोटिस जारी करते हुए मानदेय रोक दिया गया। शिक्षिका ने व्हाट्सएप्प के जरिए इस्तीफा भेजा है जो अमान्य है साथ ही अब उनका मोबाइल भी बंद जा रहा है। विनोद कुमार मिश्रा ने आगे कहते हैं कि यह असली अनामिका है या नहीं, आगे की जांच में ही स्पष्ट हो सकेगा।


 


 


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