ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों की सेहत हो रही खराब, अभिभावकों ने की बंद कराने की मांग

आवाम ए अजीज हिंदी साप्ताहिक


ऑनलाइन कक्षाओं से छोटे बच्चों की सेहत खराब हो रही है। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने छोटी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई बंद कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों पर मोबाइल से प्रेशर डाला जाएगा तो वह बीमार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि कक्षा तीन तक ऑनलाइन क्लास को बंद किया जाए।


गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी विवेक त्यागी ने डीआईओएस को दिए शिकायती पत्र में कहा है कि छोटे-छोटे बच्चों की ऑनलाइन कक्षाओं को तत्काल बंद कराया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ पेरेंट्स लगातार शिकायत कर रहे हैं कि छोटे-छोटे बच्चों की कक्षाएं संचालित कराई जा रही हैं।कुछ स्कूल प्रशासन द्वारा फर्स्ट क्लास के बच्चों को मंगलवार से ऑनलाइन क्लास शुरू करने का मैसेज भेजा है, जिसको लेकर अभिभावक चिंतित हैं। कुछ दिन पहले भी छोटे बच्चों की ऑनलाइन क्लास बंद कराने की अपील की गई थी।

उन्होंने कहा कि फिर से शिकायतें आ रही हैं। इसलिए कक्षाओं को बंद करा दिया जाए। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जगदीश बिष्ट ने बताया छोटे बच्चों की आंखों की मांसपेशियां बहुत कमजोर होती हैं, जिससे कि बच्चों की आईसाइट पर इसका विपरीत असर पड़ने की बहुत ज्यादा आशंका रहती है।



साथ ही बच्चों द्वारा कमर दर्द, सरदर्द, आंखों में दर्द और नेट कनेक्टिविटी की शिकायत लगातार की जा रही है। छोटे बच्चों के लगातार मोबाइल देखने से आंखों पर विपरीत असर पड़ने की आशंका रहती है इसलिए छोटे बच्चों की ऑनलाइन क्लास तत्काल प्रभाव से बंद कराई जाए।


छोटे बच्चों की ऑनलाइन क्लास के निर्देश, अभिभावकों ने की शिकायत



छोटे बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज तत्काल बंद कराने को गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने डीआईओएस को ज्ञापन भेजा है। एसोसिएशन ने डीआईओएस को बताया कि वैशाली स्थित सनवैली स्कूल में मंगलवार से फर्स्ट क्लास के बच्चों का ऑनलाइन क्लास शरू करने का मैसेज भेजा है। जिससे अभिभावक चिंतित हैं।

एसोसिएशन का कहना है कि पूर्व में भी उन लोगों ने ऑनलाइन क्लास बंद कराने की अपील की थी, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हो सका है। पेरेंट्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जगदीश बिष्ट ने फोन पर पूरे मामले की जानकारी डीआईओएस को दी है।

अभिभावकों का कहना है कि  छोटे बच्चों की आंखों की मांसपेशियां बहुत कमजोर होती है जिससे कि बच्चों की आईसाइट पर इसका विपरीत असर पड़ने की बहुत ज्यादा आशंका रहती है साथ ही बच्चों द्वारा कमर दर्द, सरदर्द, आंखों में दर्द और नेट कनेक्टिविटी की शिकायत लगातार की जा रही है।

वहीं दूसरी ओर सनवैली स्कूल की प्रिंसिपल प्रीति गोयल का कहना है कि अभिभावकों को गलतफहमी हुई है। हम कोई ऑनलाइन क्लास शुरू नहीं कर रहे। दरअसल बहुत से अभिभावकों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि बच्चे उनका कहना नहीं मान रहे।

स्कूल से वाट्सएप और मेल के जरिए बच्चों को काम दिया जा रहा है लेकन बच्चे इसे गंभीरता से नहीं ले रहे। ऐसे में स्कूल प्रबंधन ने फैसला लिया कि दो-चार दिन सभी क्लास  की शिक्षिकाएं 15 से 20 मिनट ऑनलाइन रहकर बच्चों से बात करेंगी और उन्हें घर पर पढ़ाई के लिए प्रेरित करेंगी।

स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि यह महज एक इंट्रोडक्शन है, इसके अलावा कुछ नहीं। प्रिंसिपल ने बताया कि एक सप्ताह में वैसे भी समर वैकेशन  शुरू हो जाएंगे, ऐसे में ऑनलाइन क्लास का कोई मतलब नहीं बनता।


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