यूँही कातिल से उलझने की जरूरत क्या है,वेबजह घर से निकलने की जरूरत क्या है
- आवाम ए अजीज हिंदी साप्ताहिक
इटावा देश कोविड-19 महामारी की जंग से पिछले कई महीने से जूझ रहा है लॉक डाउन का पालन करवाने के लिये पुलिस प्रशासन रात दिन गाँव गाँव शहर शहर गली गली लोगो से घरों में रहने की अपील कर रही है,देश के कई राज्यो में ऐसे भी वीडियो सामने आये जिसमे पुलिस अधिकारी खुद सड़को पर माइक लेकर गाने गा गा कर लोगो को जागरूक करते नजर आ रहे है,ऐसे ही इटावा के बकेवर थाने के बराउख चौकी इंचार्ज मोहम्मद कलीम के गाये हुये कलाम अण्डावा गाँव में चर्चा का विषय बने हुये हुये है,लॉक डाउन के चलते जिस तरह से लोगो के अंदर छुपी प्रतिभाएं निखर कर आ रही है उससे शायद अब शायर भी सोचने को मजबूर हो रहे होंगे की कही उनका रोजगार हाथ से ना चला जाये,शायर भले ही घरों में बैठे हो लेकिन शायरों के शेर गली गली लोगो को जागरूक करते नजर आ रहे है।अण्डावा गाँव मे चौकी इंचार्ज मोहम्मद कलीम अपने शायराना अंदाज में गाँव मे घूम घूम कर अपने कलाम पढ़ते नजर आकर लोगो को घर से बाहर ना निकलने की अपील कर कहते है"मौत से आँख मिलाने की जरूरत क्या है,सबको मालूम है कि बाहर की हवा है कातिल, यूँही कातिल से उलझने की जरूरत क्या है,वेबजह घर से निकलने की जरूरत क्या है"कलीम के यह कलाम चंबल से सटे गाँव मे लोगो को जागरूक करते नजर आ रहे है,35 डिग्री सेल्सियस के तापमान के बीच कड़ी धूप में गाँव के लोगो से अपील करते हुये मोहम्मद कलीम कहते है कि आप लोगो का जीवन बहोत अमूल्य है घरों में रहेंगे आप सुरक्षित रहेंगे आपका परिवार सुरक्षित रहेगा आप लोग कल्पना नही कर सकते आप लोगो के घर मे रहने के लिये हम पुलिस वाले दिन रात आपकी सुरक्षा में लगे हुये है आपको समझाया जा रहा है बताया जा रहा है आपका जीवन कितना बहुमूल्य है इससे आप लोग खुद ही कल्पना कर सकते है।किसी जमाने मे बीहड़ी क्षेत्र के गाँव मे कभी डकैतों की बंदूको की आवाजें गूँजती थी लेकिन आज लॉक डाउन के बीच सब इंस्पेक्टर कलीम के शायराना कलाम गूँजना ग्रामीणों को जागरूक कर घरों में रहने के लिये एक नई इबारत लिखने को बेताब नजर आ रही है।।
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