सैफई में फिरोजाबाद से डिलीवरी के लिये आयी महिला निकली कोरोना पॉजिटिव
आवाम ए अजीज हिंदी साप्ताहिक
सैफई इटावा:- आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में परसो फिरोजाबाद से डिलीवरी के लिये आयी 22 वर्षीय महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अफरा तफरी का माहौल बन गया है,फिरोजाबाद निवासी 22 वर्षीय महिला 21अप्रैल को सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में दोपहर में लेबर पेन की शिकायत होने पर अपने पति और तीमारदारों के साथ गायनिक बिभाग में इलाज के लिये आयी थी जहाँ गायनिकलॉजिस्ट द्वारा जाँच करने के उपरांत उसको ऑब्स ओटी में शाम को एलएससीएस के लिये भेज दिया गया जहाँ अनेथिसिया, पीडियाट्रिक और गायनी बिभाग के डॉक्टर की उपस्थिति में ऑपरेट किया गया जहाँ उसने एक नवजात शिशु को जन्म दिया, शाम को उसको पीएनसी में रखा गया जहाँ उसको ब्लड चढ़ाया गया,आज 22 अप्रैल को महिला का कोविड-19 सेम्पल लिया गया जिसकी शाम को रिपोर्ट आने पर पता चला कि महिला कोरोना पॉजिटिव है,रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही स्टॉफ में हड़कम्प मच गया और आनन फानन में महिला को कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया,इसके साथ ही लगभग विश्वविद्यालय के 14 कर्मचारियों को भी क्वारटाइन कर दिया गया।।संस्थान की सबसे बड़ी लापरवाही यह रही कि जब महिला लेबर पैन से पीड़ित थी और फिरोजाबाद जैसे हॉट स्पॉट क्षेत्र से भर्ती होने आयी थी तो सबसे पहले उसका कोविड-19 टेस्ट सेम्पल क्यों नही लिया गया।
कोरोना की जाँच रिपोर्ट में दिखी विश्वविद्यालय की लापरवाही
15 जिलो की कोरोना टेस्टिंग और भर्ती का केंद्र बनाये गये सैफई विश्वविद्यालय अपनी लापरवाही से बाज आता नही दिखाई दे रहा है,माइक्रोबायोलॉजी बिभाग के प्रोफेसर और हेड डॉक्टर राजेश कुमार वर्मा ने कोरोना टेस्टिंग रिपोर्ट में उस पॉजिटिव महिला को पुरुष दिखा दिया।।यह इनकी कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ी जा रही जंग के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।जबकि करोड़ो के बजट के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन थर्मल स्क्रीनिंग करवाने में भी नाकाम साबित होता दिख रहा है क्योंकि जगह जगह आज भी कई प्रवेश द्वार खुले नजर आते है जहाँ से बाहरी मरीज व उनके तीमारदार बिना थर्मल स्क्रीनिंग के आराम से बिना रोक टोक प्रवेश पा जाते है, जबकि ट्रामा सेंटर के सामने मात्र एक थर्मल स्क्रीनिंग प्रवेश द्वार बनाया गया है जहाँ मरीजो की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।।
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