निज़ामुद्दीन मरकज़ मामला : दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद को भेजा नोटिस, पूछे इन 26 सवालों के जवाब


आवाम ए अजीज हिंदी साप्ताहिक


 दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात मरकज के मौलाना मो. साद को नोटिस भेजकर 26 सवाल पूछे हैं। नोटिस में जमात में देश-विदेश से शामिल हुए लोगों के अलावा अन्य जानकारियां जल्द से जल्द मांगी गई हैं।



नई दिल्ली: देश में कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच दिल्ली के निमाजुद्दीन में स्थित मरकज में तबलीगी जमात की ओर से धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया. इसमें देश-विदेश से करीब तीन हजार लोग शामिल हुए थे. लॉकडाउन के ऐलान के बाद भी करीब 2 हजार लोग इसी मरकज में रुके हुए थे. उनमें से कई लोगों को कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद उन्हें वहां से निकाला गया और अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराकर जांच करवाई गई. जांच में सैंकड़ों लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया गया है. वहीं, इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों की  देश के अलग-अलग हिस्सों में पहचान की जा रही है और उनकी जांच करवाई जा रही है. वहीं, कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों क्वारंटाइन कर दिया गया है. मरकज के प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद फरार हो गया है. दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मौलाना के खिलाफ नोटिस जारी करके, उससे 26 सवालों के जवाब पूछे हैं. 



मरकज को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहें



कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के साथ पुलिस के सामने निजामुद्दीन मरकज को लेकर तरह-तरह अफवाहों को रोकने की चुनौती है। मरकज में कोरोना के मरीज पाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर इसे एक समुदाय के खिलाफ साजिश बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर लोगों को लॉकडाउन का पालन न करने के लिए उकसाया जा रहा है। साइबर क्राइम सेल ऐसे लोगों की पहचान के लिए जांच कर रही है।
दिल्ली में एक बार फिर सीएए के मुद्दे को जिंदा करने के लिए कोरोना वायरस संक्रमण को एक समुदाय के खिलाफ साजिश बताया जा रहा है। व्हाट्स एप, टिकटॉक और फेसबुक पर वीडियो बनाकर लॉकडाउन का पालन न करने के लिए उकसाया जा रहा है। 
टिकटॉक पर तो कुछ वीडियो काफी भड़काऊ हैं। पुलिस की तरफ से गृह मंत्रालय को इसकी रिपोर्ट भी सौंपी गई है। इन वीडियो के माध्यम से मिश्रित आबादी वाले इलाकों में तनाव फैलाने की कोशिश की जा रही है। वीडियो में पुलिस की कार्रवाई को एकतरफा बताने की कोशिश है। ऐसे वीडियो बनाने वालों की पहचान करने में पुलिस के भी पसीने छूट रहे हैँ। इन वीडियो को तेजी से मोबाइलों पर फैला दिया गया है

इन सवालों के मांगे गए जवाब:-

1- संस्था का पूरा नाम और पंजीकरण का पूरा ब्यौरा

2- पदाधिकारियों की जानकारी
3- मरकज कमेटी में शामिल लोगों की जानकारी
4- संस्था की ओर से पिछले तीन साल में भरे गए आयकर की जानकारी
5-  संस्था का पैन नंबर, बैंक अकाउंट और बैंक स्टेटमेंट
6 - संस्था के साथ काम करने वाले कर्मचारियों की लिस्ट
7- 1 जनवरी से अब तक आयोजित धार्मिक सभाओं की संख्या
8- परिसर का नक्शा या साइट प्लान
9- परिसर में सीसीटीवी कैमरे हैं तो उनकी संख्या
10- क्या आपने किसी से मंजूरी ली थी
11- क्या आपको किसी भी अथॉरिटी की ओर से धार्मिक समारोह आयोजित करने के लिए लिखित दिशानिर्देश जारी किए थे
12- प्रशासन और प्रबंधन के बीच कोई और पत्राचार का ब्यौरा
13- मरकज में शामिल होने वाले लोगों की ऑडियो या वीडियो का ब्यौरा
14- 12 मार्च के बाद विदेशियां सहित आने वाले श्रद्धालुओं की लिस्ट
15- 12 मार्च के बाद समारोह में शामिल होने वाले लोगों के रिकॉर्ड का रजिस्टर
16- क्या कोई श्रद्धालु बीमार पड़ा था
17- इमारत खाली कराने के लिए मरकज की ओर से उठाए गए कदम
18- लॉकडाउन लगने के बाद प्रबंधन की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी
19- कर्मचारी, वॉलियंटर और पार्किंग वालों की लिस्ट
20- 12 मार्च के बाद आमंत्रितों की तारीख वार सूची
21- 12 मार्च के बाद जिन्हें अस्पताल ले जाया गया उनकी तारीखवार सूची
22- 12 मार्च के बाद मस्जिदों या अन्य स्थानों पर ले जाने वाले की तारीखवार की सूची
23- मरकज में शामिल होने और उसके बाद मरने वाले लोगों का ब्यौरा
24 - किसी को भी जारी किए गए कर्फ्यू पास का ब्यौरा
25 - 12 मार्च के बाद मरकज में आने वाले किसी भी सरकारी एजेंसी के लोगों का ब्यौरा
26- कोई भी ऐसे कागजात जो जांच में सहयोग कर सकें





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