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मोरबी हादसे में मरने वालों की संख्या 145, 70 घायल, 50 से ज्यादा अब भी लापता

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आवाम ए अज़ीज़ हिंदी साप्ताहिक     गुजरात  : गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने केबल ब्रिज के अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए. हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. इस हादसे में मरने वालों की संख्या 141 पहुंच गई है गुजरात के मोरबी में रविवार शाम बड़ा हादसा हो गया. यहां मच्छु नदी में बना केबल ब्रिज अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए. मोरबी सिविल अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक हादसे में मरने वालों की संख्या 141 पहुंच गई है. घायलों की संख्या 70 बताई जा रही है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बचे हुए लोगों को नदी से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. अब भी 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. यह ब्रिज रिनोवेशन के बाद हाल ही में चालू किया गया था. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की. उन्होंने ब्रिज के टूटने के बाद एक समीक्षा बैठक भी की, जिसमें उनकी कैबिनेट के मंत्री, सांसद, विधायक और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी शामिल थे. इस दौरान स्थिति की समीक्षा की गई. घटना की जांच के लिए एसआईटी क

पत्रकारिता जगत के पितामा को आखरी सलाम

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  उस काम को करते हुए हमने एक कमाल ख़ान को देखा और सुना है. जिसे जानना इसलिए भी ज़रूरी है ताकि पता चले कि कमाल ख़ान अहमद फराज़ और हबीब जालिब के शेर सुन कर नहीं बन जाता है. Published : January 14, 2022 Awam A Aziz hindi weekly लखनऊ उन्होंने केवल पत्रकारिता की नुमाइंदगी नहीं की, पत्रकारिता के भीतर संवेदना और भाषा की नुमाइंदगी नहीं की, बल्कि अपनी रिपोर्ट के ज़रिए अपने शहर लखनऊ और अपने मुल्क हिन्दुस्तान की भी नुमाइंदगी की. कमाल का मतलब पुराना लखनऊ भी था जिस लखनऊ को धर्म के नाम पर चली नफ़रत की आंधी ने बदल दिया. वहां के हुक्मरान की भाषा बदल गई. संवैधानिक पदों पर बैठे लोग किसी को ठोंक देने या गोली से परलोक पहुंचा देने की ज़ुबान बोलने लगे. उस दौर में भी कमाल ख़ान उस इमामबाड़े की तरह टिके रहे, जिसके बिना लखनऊ की सरज़मीं का चेहरा अधूरा हो जाता है.                   कमाल खान साहब की फाइल फोटो उस लखनऊ से अलग कर कमाल ख़ान को नहीं समझ सकते. कमाल ख़ान जैसा पत्रकार केवल काम से जाना गया लेकिन आज के लखनऊ में उनकी पहचान मज़हब से जोड़ी गई. सरकार के भीतर बैठे कमज़ोर नीयत के लोगों ने उनसे दूरी बनाई.कमाल ने

उत्तर प्रदेश के ये 45 विधायक नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, एडीआर ने जारी की रिपोर्ट,

  प्रदेश समाचार आवाम ए अज़ीज़ हिन्दी साप्ताहिक प्रदेश के मौजूदा 396 में से 45 विधायकों के चुनाव लड़ने पर संशय है। एसोसिएट डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि मौजूदा 45 विधायकों पर एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप तय हो गए हैं। आरपी अधिनियम (रिप्रेजेन्टेशन ऑफ पीपुल एक्ट/लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम) 1951 की धारा 8(1), (2) और (3) के तहत सूचीबद्ध अपराधों में ये आरोप तय हुए हैं। इन मामलों में न्यूनतम छह महीने की सजा होने पर ये विधायक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। एडीआर ने यह रिपोर्ट पहली बार जारी की है। यह महत्वपूर्ण इसलिए है कि सजा काटने और रिहाई के छह साल बाद तक विधायक चुनाव नहीं लड़ सकते। हालांकि चुनाव लड़ने की पात्रता या अपात्रता तय करने का अधिकार केन्द्रीय चुनाव आयोग के पास है। एडीआर के मुख्य समन्वयक डा संजय सिंह ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि इनमें भाजपा के 32, सपा के पांच, बसपा व अपना दल के 3-3 और कांग्रेस व अन्य दल का एक-एक विधायक शामिल है। इन 45 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित रहने की औसत संख्या 13 वर्ष है। •32 विधायकों के खिलाफ दस साल या उससे अ

गुजरात के भावनगर के गांव घोघा मे शायद भारत कि लगभग 1400 साल पुरानी मस्जिद आज भी मौजूद है जिसका किबला रुख बैतूल मुक़दस की तरफ है...

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संपादकीय आवाम ए अज़ीज़ हिन्दी साप्ताहिक  गुजरात के भावनगर के गांव घोघा मे शायद भारत कि लगभग 1400 साल पुरानी मस्जिद आज भी मौजूद है जिसका किबला रुख बैतूल मुक़दस की तरफ है... इस मस्जिद का निर्माण अत्यंत जीर्ण अवस्था में है मस्जिद के अंदर लगभग 25 लोग एक साथ नमाज पढ़ सकते है मस्जिद में 12 पिलर्स है जिस पर मस्जिद कि छत का निर्माण टिका हुआ है छत के ऊपर गुंबद तथा मस्जिद कि दीवारे भी नक्खाशीदार है और मस्जिद के मेहराब पर अरबी में ‘ بسم الله الرحمن الرحيم कि नक्काशी उस दौर कि है पृथ्वी के मुख पर यह एकमात्र मस्जिद भी हो सकती है जिसका रुख बैतुल मुक़द्दस कि तरफ है 7 वीं सदी के प्रारंभ में यहा पर पहले अरब व्यापारी समुद्र के रास्ते से उतरे थे और तब यहाँ उन्होंने इस मस्जिद का निर्माण किया था यह वह समय था जब मक्का कि जगह किबला रुख यरूशलेम था यह प्राचीन मस्जिद जिसे स्थानीय रूप से जूनी मस्जिद के रूप में जाना जाता है यह मस्जिद भारत की अन्य सभी मस्जिदों से मिलती झुलती है जिसके मेहराब का सामना मक्का कि तरफ है इस प्राचीन मस्जिद में सबसे पुराना अरबी शिलालेख आज भी है और आज मस्जिद बरवाड़ा तँजीम की देखरेख में है।

सांसद खेल महाकुम्भ के समापन पर बोले अनुराग ठाकुर - बस्ती में खेल और खिलाड़ियों के लिए 50 करोड़ की योजना

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 बस्ती ( आवाम ए अज़ीज़ हिन्दी साप्ताहिक ) । सांसद खेल महाकुम्भ के समापन एंव पुरस्कार वितरण समारोह को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय खेल एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि शीघ्र ही बस्ती में उच्च तकनीकी सुविधाओंयुक्त इंडोर स्टेडियम की सुविधा खिलाडियों को उपलब्ध होगी। सांसद हरीश द्विवेदी के साथ-साथ वे स्वयं भी इसके लिए प्रयास कर रहे है। सांसद खेल महाकुम्भ के सफल आयोजन पर सांसद को बधाई देते हुए उन्होने कहा कि उप्र सरकार ने ओलम्पिक तथा पैरा ओलम्पिक खेल के पदक विजेताओं को सम्मानित कर तथा नकद पुरस्कार देकर सराहनीय कार्य किया है।  उन्होंने बस्ती जनपद में खेलों को बढ़ावा देने के लिए हरसम्भव मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं भी खेलो इंडिया खेलो तथा फिट इंडिया मूवमेन्ट के माध्यम से खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते है। उन्होंने कहा कि उप्र के कई जनपदों में खेल का सामान तैयार किया जाता है। इससे उप्र की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी है। विशेष रूप से उन्होने मेरठ में तैयार किये जा रहे क्रिकेट के बल्लों का उल्लेख किया। प्रदेश के खेल

125 रूपये में जूता- मोजा,वो दुकान बता दो साहब, बच्चों के सवाल से दुकानदार हैरान,

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  आवाम ए अज़ीज़ हिन्दी साप्ताहिक गाजीपुर उत्तर प्रदेश 125 रुपये में स्कूली जूता और दो जोड़ी मोजा किस दुकान पर मिलेगा? बता दो साहब दुकान। यह सवाल है उन हैरान-परेशान परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों का, जिनके बैंक खाते में एक दिन पहले ही बच्चों के जूते-मोजे, ड्रेस, स्वेटर व स्कूल बैग के लिए सरकार ने 1100 रुपये भेजा है। अभिभावक वह पैसा लेकर बाजार में घूम रहा है, और सरकार द्वारा निर्धारित रेट पर जूता-मोजा व ड्रेस दुकानदारों से मांग रहा है, दुकानदार इतने कम पैसे में जूता-मोजा देने से मना कर दे रहे हैं। अब अभिभावक इसको लेकर कशमकश में हैं। पहले यह धन एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) के खाते में भेजी जाती थी। एसएमसी इसकी खरीदकर बच्चों में वितरित करती थी। इसमें समय अधिक लगता था। वहीं गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े होते थे। ऐसे में सरकार ने प्रक्रिया में बदलाव करते हुए अभिभावकों को पैसा देने की योजना शुरू की। पारदर्शिता के उद्देश्य से ड्रेस की धनराशि सीधे अभिभावकों के खाते में भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। पिछले शनिवार को एक लाख 83 हजार 591 बच्चों का पैसा उनके अभिभावकों के खाते में

मेजर ध्यान चंद स्पोर्ट्स कॉलेज सैफई इटावा में मनाया गया खेल दिवस

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  आवाम ए अज़ीज़ हिन्दी साप्ताहिक   इटावा/सैफई - हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी के जन्म दिवस पर मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉलेज सैफई में समस्त कर्मचारियों द्वारा उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित करके उनके जन्म दिवस को मनाया गया मेजर ध्यान चंद स्पोर्ट्स कॉलेज मैं उनके संपूर्ण जीवन पर गोष्ठी भी की गई हॉकी प्रशिक्षक डॉ मो जियाउर्रहमान ने उनके खेल जीवन पर प्रकाश डाला डॉक्टर मोहम्मद जियाउर्रहमान हॉकी प्रशिक्षक और उनके खेल उपलब्धियों के बारे में सभी को बताया कहा कि उनका संपूर्ण जीवन हॉकी खेल को ही समर्पित था हॉकी प्रशिक्षक डॉ मो जियाउर्रहमान ने यह भी बताया कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जिनका जन्म 29 अगस्त 1905 इलाहाबाद प्रयागराज में हुआ वह भारतीय सेना के एक सिपाही थे उन्होंने गुलाम भारत में जहां खेलों में बहुत आभाव था अंग्रेजों की हुकूमत थी उस समय 1928 1932 1936 के ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिला कर देश का झंडा विदेश में ऊंचा किया और देश को गौरवान्वित किया भारत सरकार ने उन्हें मेजर की उपाधि दी और उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया उनका निधन 3 दिसंबर 1979 को दिल्ली में हुआ हॉक